राजगीर, बिहार! 

बिहार में राजगीर, नालन्दा जिले का एक छोटा सा कस्बा है जिसकी जनसंख्या 1 लाख से भी कम है। अभी सप्ताह भर पूर्व तक मैने यह नाम भी नहीं सुना था। अभी वहां हॉकी का एशिया कप आयोजित किया जा रहा है और आज रविवार 7 सितम्बर को भारत और दक्षिण कोरिया के बीच फाइनल खेला जाना है। 

बिहार की सामान्य छवि के चलते, यह आयोजन अपने आप में कईं प्रश्न खड़े करता है। राजगीर जैसी जगह पर एशिया कप जैसी प्रतियोगिता के लिए मैदान कहां होंगे? हॉकी के लिए तो आज कल एस्ट्रो टर्फ आवश्यक हो चुका है, वह है? खिलाड़ी और उनके प्रबन्धन दल को मिला कर दस देशों के कम से कम 250-300 लोगों के रुकने की व्यवस्था क्या होगी? क्या 200 किमी दूर पटना से आना जाना? बिहार के अपराध के चलते सुरक्षा की क्या स्थिति होगी? कानून व्यवस्था ठीक रहेगी? विद्युत प्रदाय रहेगा? क्या पटना से राजगीर तक अच्छे मार्ग हैं? कईं प्रश्न हैं।  इन प्रश्नों की वजह यह है कि बिहार सरकार द्वारा राजगीर में खेलों के विकास को ले कर जो कुछ किया गया है, वह देश के आम आदमी तक पहुंचा ही नहीं है। मुख्य धारा की समाचार वाहिनियों की दिलचस्पी सनसनी और नकारात्मक खबरों में ही रहती है वहीं आत्ममुग्ध यूट्यूब बहादुर दिन में तीन वीडियो अपलोड करने की जुगाड में कमरे में बैठे बैठे, दो मिनट में कही जा सकने वाली बात पर 20- 25 मिनट के वीडियो बनाने में लगे रहते हैं। 

वस्तुत: राजगीर खेल संकुल, एक विश्वस्तरीय खेल संकुल है जो बिहार खेल अकादमी द्वारा निर्मित और विकसित एक नायाब संस्था है। 100 एकड़ में विकसित इस खेल संकुल का उद्घाटन गत वर्ष अगस्त माह में ही हुआ था। यहां 25 से भी अधिक इनडोर खेलों के लिए सुविधाएं उपलब्ध है। मैदानी खेलों में हॉकी का मैदान बन चुका है। इसके अलावा क्रिकेट और अन्य खेलों हेतु भी मैदान बनाए जा रहे हैं। यहां खिलाड़ियों के लिए तरण ताल, प्रेरणा केंद्र, ग्रन्थालय आदि के सहित खेल एवं प्रशिक्षण की तमाम आधुनिकतम सुविधाएं उपलब्ध है। गत वर्ष यहां महिला हॉकी एशिया कप आयोजित किया गया। रग्बी और सेपकतरा की भी अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाएं यहां आयोजित की जा चुकी है। और अभी पुरुष हॉकी एशिया कप खेला जा रहा है जिसका आज समापन हो रहा है। स्वभावतः इस विकास की वजह से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, व्यापार बढ़ेगा, पर्यटन बढ़ेगा। यह ऐसा विकास कार्य है, जिसके परिणाम स्थानीय समाज को दशकों तक मिलते रहेंगे।

आज यह आम चर्चा है कि भारत की अर्थ व्यवस्था गत कुछ वर्षों में लगभग दो गुना बढ़ कर 4 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गई है और आज हम विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। राजगीर में जब विश्वस्तरीय प्रतियोगिता आयोजित होती नजर आती है तो लगता है कि यह समृद्धि सिर्फ कागजी या कुछ वर्गों तक सीमित नहीं है। यह समाज में गहरे तक उतर रही है। बिहार ही नहीं, यह पूरे देश के लिए हर्ष और गर्व का विषय होना चाहिए कि हमारे देश का एक छोटा सा कस्बा खेलों के अंतर्राष्ट्रीय नक्शे पर तेजी से उभर रहा है। 

बहरहाल आज भारत और दक्षिण कोरिया के बीच होने वाले हॉकी के फ़ाइनल मुकाबले का आनन्द उठाइए। भारत के जीतने की प्रबल की संभावना है। 

आप सभी को शुभकामनाएं। 

श्रीरंग वासुदेव पेंढारकर 

07/09/2025

2 thoughts on “”

  1. बहुत ही जानकारी वर्धक आलेख भाई l
    इतना बड़ा कार्य हुआ और हमारे देश की निढाल मीडिया को कोई लेना-देना नही l
    यहीं हालत हमारे मध्य प्रदेश में धार में भी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स की है जिसका जितना प्रचार प्रसार होना चाहिए था वो नही हुआ l उस को विक्रम वर्मा जी के अथक प्रयासों से बनवाया जा सका था l

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